हेलो दोस्तों आपका बहुत बहुत स्वागत है हमारे ब्लॉग में इस पोस्ट में हम जानने वाले है फीचर के बारे में तो पोस्ट को पूरा रीड करे तभी आपको समझ आये गा आपके अगर फीचर से जुड़े कुछ डाउट होतो हमें निचे कमेंट में जरुर पूछे
feature kya hai |
फीचर क्या है?
कलात्मक उत्तर-फीचर' शब्द का अर्थ है-चेहरा-मोहरा। जब कोई लेखक किसी घटना को इस प्रकार सजीव और रोचक शैली में प्रस्तुत करता है कि उसका स्वरूप पूर्णतः स्पष्ट हो जाय तो उसको फीचर कहते हैं। इसका लेखन पाठकों को सूचना देने तथा उनका मनोरंजन करने के लिए होता है।
फीचर लेखन की शैली समाचार लेखन की शैली से भिन्न होती है। इसमें तथ्य तथा मनोरंजन का मेल होता है। इसकी शैली काफी हद तक कथात्मक होती है।
इसका आरम्भ आकर्षक, तथा उत्सुकतापूर्ण होता है। इसमें लेखक को अपनी व्यक्तिगत राय प्रकट करने का पर्याप्त अवसर मिलता है। इसमें भविष्य की सम्भावना का भी ध्यान रखा जाता है।
फीचर कितने प्रकार के होते हैं?
फीचर विभिन्न प्रकार के होते हैं।
1. समाचार पर आधारित फीचर,
2. व्यक्तिगत फीचर,
3. जीवन-शैली सम्बन्धी फीचर,
4. साक्षात्कार फीचर,
5. रूपात्मक फीचर,
6. खोज सम्बन्धी फीचर,
7. यात्रा पर आधारित फीचर,
8. विशेष कार्य सम्बन्धी फीचर ।
फीचर के स्वरूप और विशेषताए क्या है
उत्तर-फीचर अनेक प्रकाशन सामग्रियों का मिला-जुला रूप है। इसको अनेक तरह से प्रकाशित किया जाता है। फीचर एक लेख के रूप में हो सकता है तथा अनेक छोटी-छोटी सूचनाओं के रूप में भी हो सकता है। फीचर-लेखन का उद्देश्य तथ्यों का ज्ञान कराना मात्र नहीं होता अपितु किसी घटना का तथ्यात्मक और मनोरंजक चित्रण ही फीचर है। फीचर एक उद्देश्यपूर्ण सूचनाधारित रचना है।
फीचर लेखन तथा समाचार लेखन में क्या अन्तर है?
समाचार लेखन में किसी घटना का तथ्याधारित विवरण दिया जाता है। इसमें सही-सही सूचना देना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। फीचर लेखन इससे भिन्न है। फीचर लेखन में सूचना के साथ मनोरंजन भी जुड़ जाता है। फीचर लेखक किसी घटना का वर्णन साहित्यिक शैली में इस प्रकार करता है कि उससे पाठक को सूचना के साथ-साथ मनोरंजन का अवसर भी प्राप्त हो।
एक अच्छे फीचर की क्या विशेषताएँ होती हैं
एक अच्छे फीचर की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं-
1. फीचर सच्ची घटना पर लिखा जाता है। वह तथ्याधारित होता है।
2. फीचर मनोरंजक, सारगर्भित तथा सूचनापरक होता है।
3. फीचर लेखक के वास्तविक अनुभव पर आधारित होता है, उसके पुस्तकों से उपार्जित ज्ञान मात्र पर नहीं।
4. फीचर का सम्बन्ध वर्णित विषय के भूत के साथ ही भविष्य से भी होता है।
5. फीचर की शैली मनोरंजक होती है, वह सजीव, कथात्मक तथा चित्रात्मक होती है।
6. फीचर में जिज्ञासा, संवेदनशीलता, सहानुभूति आदि मनोभाव व्यंजित होते हैं।
7. किसी खोज या उपलब्धि को भी फीचर के माध्यम से रचना 407 प्रस्तुत किया जा सकता है। इससे उसको समझने में सरलता होती है।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में आपने जाना की फीचर क्या होता है और फीचर से जुडी और भी जानकारी का आपने अवलोकन किया हमे उम्मीद है आपको ये पोस्ट काफी पसंद आया होगा आप हमें निचे कमेंट में बताये आपका बहुत बहुत धय्न्वाद
0 Comments