तार लेखन क्या है तार के प्रकार

हेलो दोस्तों आपका बहुत बहुत स्वागत है इस ब्लॉग में जिसका नाम है lakeofknowledge आज इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले है की तार क्या है और तार कितने प्रकार के होते है अगर आपको भी नहीं पता है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़े ताकि आपको भी अच्छे से समझमे आजाये तो जानते है बिना ज्यादा और समय वेस्ट किया 

tar lekhan kya hai


तार लेखन क्या है

किसी समाचार को पत्र की अपेक्षा शीघ्र भेजने का सबसे सस्ता साधन तार (Telegram) होता है। टेलीफोन की अपेक्षा तार भेजना प्रमाणीकरण के लिए भी ठीक रहता है। तार भेजने के लिए हमें तारघर या डाकघर जाना होता है। वहाँ तार भेजने के लिए एक निश्चित प्रपत्र दिया जाता है, जिसमें निश्चित स्थान पर तार का प्रकार व श्रेणी तार पाने वाले का नाम व पता, मुख्य सन्देश तथा प्रेषक का नाम, हस्ताक्षर एवं पता लिखना होता है।


तार के शब्दों को गिनकर हमसे तार कर्मचारी धनराशि वसूल करता है। इसलिए तार लेखन भी एक कला है अतः हमें तार लेखन से पूर्व तार विषयक आवश्यक जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।


तार के प्रकार :

तार के मुख्यतः तीन प्रकार माने गये हैं:


(i) निजी तार : यह व्यक्तिगत तार होता है।

(ii) बधाई या शुभकामना तार : बधाई देने या शुभ कामना संदेश आदि इसके अन्तर्गत आते हैं। वैसे डाक-तार-विभाग द्वारा ऐसे तारों के लिए निश्चित कोड नम्बर निर्धारित किये गये हैं। इस प्रकार के तारों में केवल कोड नम्बर लिखने होते हैं तथा शुल्क भी कम लगता है।

(iii) सरकारी तार : राजकीय कार्यालयों से राज-काज हेतु प्रेषित तार इस कोटि में आते हैं।


श्रेणी : तार का सन्देश तार-यन्त्र द्वारा प्रेषित किया जाता है अतः इनको भेजने की प्राथमिकता के आधार पर इसकी श्रेणियाँ भी निर्धारित की गई हैं।


(i) साधारण तार : जब सामान्य सूचना भेजनी होती है तो उसे साधारण तार की श्रेणी में भेजा जाता है। अतः तार भेजने वाले को साधारण श्रेणी को चिह्नित करना होता है। ऐसे तार निजी भी हो सकते हैं और बधाई तार भी। इनका शुल्क भी सामान्य ही होता है।


(ii) आवश्यक या जरूरी तार : इसे एक्सप्रेस या द्रुतगामी तार भी कहा जाता है। यदि कोई सूचना शीघ्र भेजनी होती है तो तार की आवश्यक श्रेणी को चिह्नित किया जाता है। ऐसे तार साधारण तारों की अपेक्षा पहले भेजे जाते हैं तथा इनका शुल्क सामान्य से दुगुना लगता है।


(iii) जवाबी तार : यदि तार व तर तार से ही 'वापस मंगवाना होता है, तब जवाबी तार शीर्षक को चिह्नित किया जाता है। गार साधारण या आवश्यक किसी भी श्रेणी का हो सकता है किन्तु भेजे जा रहे संदेश का र पाने के लिए उत्तर का शुल्क भी वसूला जाता


तार लेखन हेतु सामान्य बातें : तार प्रेषण में राशि शब्दों के आधार पर ली जाती हैं

अतः डाक तार विभाग के तार सम्बन्धी नियमों की सामान्य जानकारी होना आवश्यक है तथा हमें भी तार-राशि में बचत हेतु उनका उपयोग करना चाहिए


(i) तार के सन्देश की महत्ता के आधार पर उसकी श्रेणी: चिह्नित करनी चाहिए। बधाई व शुभकामना संदेश सदैव साधारण श्रेणी में ही भेजने चाहिए। निजी तार की आवश्यकता के अनुसार उसकी श्रेणी निर्धारित करनी चाहिए।


(ii) तार पाने वाले का नाम व पूरा पता स्पष्ट लिखना चाहिए, किन्तु नाम के पूर्व 'श्री तथा बाद में जी- जैसे आदर सूचक शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यदि किसी का नाम 'श्रीधर हो तो 'श्री एवं धर' को अलग-अलग न लिख कर एक साथ 'श्रीधर' लिखना चाहिए। उसी प्रकार किसी का नाम रामजीलाल हो तो वहाँ नाम में से 'जी' को नहीं हटाना चाहिए। पता पूरा लिखा जाए ताकि तार पहुँचाने वाले कर्मचारी को व्यर्थ ही इधर उधर न भटकना पड़े।


(iii) तार संदेश ऐसा हो जिसमें से में अधिक से अधिक बात स्पष्टता के साथ कही जा सके। बधाई व शुभकामना संदेश हेतु संदेश स्थान पर निश्चित कोड नम्बर ही अंकित करने चाहिए, इससे तार शीघ्र पहुँचता है तथा शुल्क भी कम लगता है।


(iv) तार-संदेश निर्धारित स्थान पर साफ-साफ व स्पष्ट अक्षरों में लिखना चाहिए। (v) तार के प्रारूप में प्रेषक के लिए भी एक कॉलम होता है, अतः प्रेषक को अपना नाम भी निश्चित स्थान पर स्पष्ट लिखना चाहिए।


(vi) तार के अन्त में प्रेषक के हस्ताक्षर ; नाम व पूरे पते हेतु भी स्थान नियत होता है अतः निर्देशानुसार तार को भेजने वाले को अपने हस्ताक्षर कर उसके नीचे नाम व पूरा पता स्पष्ट लिखना चाहिए, क्योंकि इसके लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है। 

(vii) हिन्दी में तार लिखते समय शब्दों के साथ उनके कारक चिह्नों (विभक्तियों) को साथ जोड़ कर लिखा जाता है। जैसे प्रशान्तको शीघ्र भेजो।


(viii) डाक तार विभाग द्वारा निर्धारित कोड क्रमांक और इनके संदेशों की सूची इस प्रकार है इसकी एक प्रति डाक या तार घर में भी लगी होती है



निष्कर्ष 

दोस्तों आपको ये पोस्ट कैसी लगी आप हमें निचे कमेंट कर के बताये आज आपने इस पोस्ट में जाना की तार लेखन क्या है और ये कितने प्रकार के होते है हमें आशा है की आपको ये पोस्ट काफी पसंद आई होगी पोस्ट को पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 



Post a Comment

0 Comments