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OSI model क्या है? |
- Introduction
- OSI model क्या है? क्या काम करता है।
- OSI model में कितनी layers होती है?
- OSI model की layers के प्रमुख कार्य।
- Conclusion
INTRODUCTION -
ओ एस आई (OSI) मॉडल एक कांसेप्चुअल (conceptual) मॉडल है, जो एक टेलीकम्युनिकेशन (telecommunication) और कंप्यूटिंग सिस्टम के कम्युनिकेशन फंक्शन के स्टैंडर्ड कार्यों को कैरक्टराइज करता है।
ओ एस आई मॉडल का लक्ष्य स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के साथ विविध कम्युनिकेशन सिस्टम की अंतर कैपेसिटी है।
OSI model क्या है? क्या काम आता है।
नेटवर्किंग के क्षेत्र में विकास के साथ-साथ कई कम्युनिकेशन प्रोटोकोल भी विकसित हुए लेकिन कोई भी प्रोटोकोल स्टैंडर्ड नहीं बन सका। 1977 में आई एस ओ ISO (इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन) ने ओपन सिस्टम इंटरकनेक्ट (open system interconnect) ओ एस आई मॉडल बनाया।
ओ एस आई मॉडल पर आधारित प्रोटोकॉल विषम हिट्रो जीनियस (heterogeneous) प्रकार के डिवाइसेज व कंप्यूटरों के बीच कम्युनिकेशन को आसान बना देता है।
इस मॉडल में कम्युनिकेशन प्रोटोकोल को 7 स्तरों (layers) में विभाजित किया गया है। दो नोड्स के बीच कम्युनिकेशन के लिए प्रत्येक स्तर (layer) पर एक विशेष कार्य का संपादन होता है।
नेटवर्किंग में दो नोड्स के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान में प्रत्येक स्तर पर किसी एक प्रकार का कार्य संपन्न होता है।
OSI model में कितनी लेयर होती है?
ओ एस आई मॉडल को 7 लेयर्स में विभाजित किया गया है-
1. फिजिकल लेयर
2. डाटा लिंक लेयर
3. नेटवर्क लेयर
4. ट्रांसपोर्ट लेयर
5. सैशन लेयर
6. प्रेजेंटेशन लेयर
7. एप्लीकेशन लेयर
ओ एस आई मॉडल की लेयर्स के प्रमुख कार्य क्या है?
फिजिकल लेयर
फिजिकल लेयर को ओ एस
आई मॉडल की सबसे लोएस्ट लेयर भी कहा जाता है दोस्तों यह लेयर यह डिफाइन करती है कि कैसे दो या दो से अधिक डिवाइसेज आपस में कैसे कनेक्ट हो और साथ ही
साथ यह भी देखती है कि जो दो डिवाइस
के बीच में जो ट्रांसमिशन हो रहा है वह full-duplex में हो रहा है या half-duplex में
डाटा लिंक लेयर
दोस्तों डाटा लिंक
लेयर का प्रमुख कार्य है कि यह लेयर flow को नियंत्रण करना
जिससे कि वह डाटा करप्ट ना हो जब दो
या दो से अधिक डिवाइसेज को आपस में
जोड़ा जाता है तब डाटा लिंक लेयर यह निर्धारित करती है कि किस डिवाइस को एक्सेस देना है कि इस डिवाइस को एक access नहीं देना है यह फोरम
जिनको की पॉकेट भी कहा जाता है उनमें हीटर और ट्रेलर को ऐड करने का
कार्य भी करती है
नेटवर्क लेयर
दोस्तों नेटवर्क लेयर
का काम राउटिंग का है यह पात को निर्धारित करती है और फ्रेम के हेडर में शौच को ऐड
करने का कार्य भी करती है वह डेस्टिनेशन एड्रेस को ऐड कर भी करती है दोस्तों इसका मुख्य कार्य inter-networking का होता है नेटवर्क
लेयर अलग अलग devices में कनेक्शन को उपलब्ध
करती है |
ट्रांसपोर्ट लेयर
दोस्तों यह लेयर डाटा
को ट्रांसमिट करने का कार्य करती है कहने का तात्पर्य यह है की यह लेयर डेटा को एक
कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर तक लेजाने का कार्य करती है यह लेयर दो तरह के कार्य
करती है कनेक्शन ओरिएंटेड और कनेक्शन लेस
का और साथ ही यह लेयर error कण्ट्रोल और फ्लो
कण्ट्रोल का कार्य भी करती है
सेशन लेयर
सेशन लेयर का कार्य
है की जब भी डाटा को सेंड या receive करते टाइम कोई error आजाये तो यह लेयर use दोबारा ट्रांसमिशन करती है यह दो process के बिच में डायलॉग को
create करने का कार्य करती है |
presentation लेयर
इस लेयर का कार्य
प्राइवेसी के लिए किया जाता है इसका मुख्य कार्य एन्क्रिप्शन का है और यह डेटा को compress करने का कार्य भी करती है |
एप्लीकेशन लेयर
इस लेयर से द्वारा हम
डेटाबेस से डिरेक्टरी को asses कर सकते है और इसके
दवारा हम रिमोट कंप्यूटर से किसी फाइल या डेटा को एक्सेस भी कर सकते
है |
यह भी पढ़े - output device क्या है ?
निष्कर्ष
दोस्तों इस पोस्ट में
हमने आपको बताया की osi
model क्या है और इसके बारे में बेसिक जानकारी
तो हमें आशा है की आपको हमारी ये पोस्ट काफी अच्छी लगी होगी आप हमें निचे कमेंट
करके ज़रूर बताये हमारी पोस्ट को पूरा रीड करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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